...

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आह:-
कहानियां लिखी गईं खूब प्रेम की।
मिलने बिछड़ने की,रूठने की मनाने की।
नहीं लिखी गईं कहानियां तो पूर्ण होते प्रेम की।
आह! कितनी अक्षम हो जाती हैं दो आत्माएं प्रेम हो जाने पर।।

समीक्षा द्विवेदी
© शब्दार्थ📝