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काश
तुम मेरे हो,
काश की कोई हमशे भी क़भी ये बोल दे,
किसी को मुझसे भी चाहत हो जाये,
औऱ वो,
अपने दिल का दरवाज़ा बस मेरे लिए खोल दे,
उसको ख़ुश रखूंगा हर पल ही,
मेरी तो बस यहीं कोशिश होंगी,
ग़म को भटकने नहीं दूँगा पास उसके,
जो भी मेरी दिल की साथी होंगी ।
© amr
काश की कोई हमशे भी क़भी ये बोल दे,
किसी को मुझसे भी चाहत हो जाये,
औऱ वो,
अपने दिल का दरवाज़ा बस मेरे लिए खोल दे,
उसको ख़ुश रखूंगा हर पल ही,
मेरी तो बस यहीं कोशिश होंगी,
ग़म को भटकने नहीं दूँगा पास उसके,
जो भी मेरी दिल की साथी होंगी ।
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