...

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"तेरे संग"
दूरियां हो या नजदीकियां,
पलों में कैद करो अपने संग।

क्यों नहीं तेरी सोच में मेरा आना,
जब मेरा जहाँ है तेरे संग।

ख़ामोश लम्हों की दरकार,
बांट लो लफ्ज़ दर लफ्ज़ मेरे संग।

ना जाने किस गहराई को ले आते,
मालूम तुम्हें मेरा किनारा तेरे संग।

स्पर्श लिए ठंडे हाथों की कंपन
सीने में छिपा लो ताउम्र अपने संग!!
© सांवली (Reena)