सवाल...
सवाल था मेरे सफर का,
फिर सवाल मेरे हमसफर का कहां से उठ खड़ा हुआ।
तलाश थी हमारे गुनाहों की,
फिर सवाल हमारी कसर का कहां से उठ खड़ा हुआ।।
फरमाया गौर नहीं किसी ने हमारे बहते अश्क पर,
फिर सवाल निगाहों के कसूर का कहां से उठ खड़ा हुआ।।
एहसास नहीं किसी...
फिर सवाल मेरे हमसफर का कहां से उठ खड़ा हुआ।
तलाश थी हमारे गुनाहों की,
फिर सवाल हमारी कसर का कहां से उठ खड़ा हुआ।।
फरमाया गौर नहीं किसी ने हमारे बहते अश्क पर,
फिर सवाल निगाहों के कसूर का कहां से उठ खड़ा हुआ।।
एहसास नहीं किसी...