...

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तुम्हें चाहने की ख़ता
इस नफ़रत-ए-जहां में तुम्हें चाहने की ख़ता हो गए
क्या ख़बर था मुझको यारा ख़ुद ही बेपता हो गए

बेसबर जिंदगी ने तो मुझें सबर की राह दिखा गए
यहाँ जीना तो दूर था मगर ये दिल तेरा बता हो गए

उस शब-ए-महताब में वो चाँदनी सी सजी थी तुम
चाहत भरा दिल था पर तुम मेरा नहीं ये मता हो गए

यूँ नीलम हुआ मोहब्बत इस नफ़रत की बाज़ार में
अब तो मानो जैसे उल्फ़त के दुश्मन फ़ता हो गए

तन्हा सा जिंदगी में तेरे बिना जीना नगवारा गुज़रा
मौत तो नहीं आए पर उस तन्हाई से नाता हो गए
© Raj
#shreerajmenon

ख़ता - गुन्हा
बेपता - जिसका पता न हो
बता - पत्थर
मता - विश्वास
फ़ता - कामयाब, सफल
नाता - रिश्ता