...

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माटी की सड़किया
माटी की सड़किया भई ,चिकनी सपाट हो,
बात करती खिलखिलाती, सूनी हुई बाट हो ।
टूट गए झोपड़िया हो सारी , इंट्वा के भार से,
परे–परे कोनवा मा , टूट गई खाट हो।

निकर के अंचरा से पहुंच गए बिदेसवा,
अंगनवा बीरान लागेला।
न जाने कउन गली भाग गएं गदेलवा,
गंउना समसान लागेला।।

मटिया के चूल्हवा म , लागे नाही आगी हो,
रतिया के...