तुमसे मेरा रिश्ता
#TrainJourney
कोई नाम नही पहचान नही
पर जान बसती है इसमें
हाँ ,माना कि रूप है प्रेम का
पर उँगली उठती है इसमें
छाँव है घने एहसास की
पर शिकायतों की धूप तपती है इसमें
सुकूँ है थकती आँखो का
पर रूह जलती है इसमें
ये कैसा है तुमसे मेरा रिश्ता
'प्रीत' बिखर के भी जी ती है इसमें
कोई नाम नही पहचान नही
पर जान बसती है इसमें
हाँ ,माना कि रूप है प्रेम का
पर उँगली उठती है इसमें
छाँव है घने एहसास की
पर शिकायतों की धूप तपती है इसमें
सुकूँ है थकती आँखो का
पर रूह जलती है इसमें
ये कैसा है तुमसे मेरा रिश्ता
'प्रीत' बिखर के भी जी ती है इसमें