...

18 views

किलकारी
पहली किलकारी सुनी क्या तुमने भी
एक नया जन्म हुआ है फिर से
एक नन्ही सी जान का
एक ने परिवार में
स्वागत हुआ है फिर से

उसके छोटे छोटे से हाथ हैं
नाजुक सी हथेली देखो
कैसे मुठ्ठी भीचे पड़ी है
माँ की गोद में ऐसे खेल रही
जैसे ममता की छाँव में पली है

अपने पैरों को देखो वो
कैसे हिलाती है ना
ज़मीन पर तो जैसे कभी चलेगी ही नहीं
गुड़िया है ना पापा की वो
इसीलिए तो इतना इतरा रही है

दादा की तो जैसे
वो ही मूछे लंबी करेगी
कबसे लगातार खींचे जा रही है
गोद में उनके वो ना जाने कबसे बैठी है
एक टक अपने दादा को
निहारे जा रही है

दादी की भी तो पोती है ना
कबसे उन्हें ढूँढे जा रही है
रोती है किलकारी मार मार
दादी को बुला रही है।।
© unnati