सफ़र
हर घड़ी एक महज़ याद बन जाती है
बल खाती नदी समुंदर शांत बन जाती है
चलते - चलते जो किसी रोज़ राह थक जाए
तभी शायद वो रुक...
बल खाती नदी समुंदर शांत बन जाती है
चलते - चलते जो किसी रोज़ राह थक जाए
तभी शायद वो रुक...