...

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।। ...न मिला ।।
।। ...न मिला ।।

मैंने चिड़िया सा उड़ना चाहा
आकाश न मिला

मैंने बीज सा उगना चाहा
जमीं न मिली

मैंने घास पर लेटना चाहा
फ़ुरसत न मिली

मैंने किसी की आंख में झांकना चाहा
जहां से पूरा आसमान दिखे
ऐसा कोई झरोखा न मिला

मैंने सपनों की दुनिया में जीना चाहा
जिंदगी पर सोती ही रही

मैंने खुशी खरीदनी चाही
दुख ने मुझे ठग लिया

मैंने खुद को भूलना चाहा
पीड़ाएं बार-बार याद दिलाती रहीं

मैंने खुद की खुदी को निछावर करना चाहा
खुदा न मिला !