P8 - ऐ ख़ुदा
ऐ खुदा,
चल आज तुझे मैंने माफ़ किया ,
तेरी तमाम शिकायतों को दिल से अपने साफ़ किया ।
एक तोहफा बिन मांगे ही झोली में मेरी तू डाल गया,
सयाना हे बड़ा, ये मस्का अनजाने ही मुझे तू मार गया ।
वीरान ज़मीन पे बारिश की बूंदों सी पड़ी जब उनकी आवाज़ ,
मन का मयूर मेरा यूँ ही पंख पसारे नाच गया ।
यूँ बरसो बाद, दिल की मरम्मत का काम खत्म हे हुआ ,
चल आ जा...अपने दिल को मैंने तेरे नए ज़ख्मो के लिए तयार किया ।
ऐ खुदा...
आज तुझे भी मैंने माफ़ किया...।।
चल आज तुझे मैंने माफ़ किया ,
तेरी तमाम शिकायतों को दिल से अपने साफ़ किया ।
एक तोहफा बिन मांगे ही झोली में मेरी तू डाल गया,
सयाना हे बड़ा, ये मस्का अनजाने ही मुझे तू मार गया ।
वीरान ज़मीन पे बारिश की बूंदों सी पड़ी जब उनकी आवाज़ ,
मन का मयूर मेरा यूँ ही पंख पसारे नाच गया ।
यूँ बरसो बाद, दिल की मरम्मत का काम खत्म हे हुआ ,
चल आ जा...अपने दिल को मैंने तेरे नए ज़ख्मो के लिए तयार किया ।
ऐ खुदा...
आज तुझे भी मैंने माफ़ किया...।।