एक कहानी है...
एक कहानी है.. उस ..शख्श़ के पीछे,
अभी तुमने उसको... जाना कहां है
हां माना ये मैने तजु़र्बा तुम्हारा,
के ये दुनियादारी समझते हो तुम
मगर वो लम्ह़ा तो बस उसने जिया है
और तज़ुर्बों में इतना पैमाना कहां हैं
एक कहानी है उस शख्श़ के पीछे
अभी तुमने उसको जाना कहां है
ठीक है जो चाहो वो मन में बना लो
ऊपर से चाहो तुम कितना भी खंगालों
ये जो गुज़रे से लम्हे़ मेरी उम्र के पीछे
उन लम्ह़ों में तुम्हारा आशियाना कहां...
अभी तुमने उसको... जाना कहां है
हां माना ये मैने तजु़र्बा तुम्हारा,
के ये दुनियादारी समझते हो तुम
मगर वो लम्ह़ा तो बस उसने जिया है
और तज़ुर्बों में इतना पैमाना कहां हैं
एक कहानी है उस शख्श़ के पीछे
अभी तुमने उसको जाना कहां है
ठीक है जो चाहो वो मन में बना लो
ऊपर से चाहो तुम कितना भी खंगालों
ये जो गुज़रे से लम्हे़ मेरी उम्र के पीछे
उन लम्ह़ों में तुम्हारा आशियाना कहां...