ख़ावाब के दयार में
ख़ावाब के दयार में,
एक हसीन जन्नत है,
ना वहां कोई बुरा है,
ना कोई सही है वहां,
वहां कोई दु खी नहीं,
बेकार के उसुलों से
उसमें ही रहना चाहता हूं,
ये दयार ही मेरी खवाहिश है..
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
एक हसीन जन्नत है,
ना वहां कोई बुरा है,
ना कोई सही है वहां,
वहां कोई दु खी नहीं,
बेकार के उसुलों से
उसमें ही रहना चाहता हूं,
ये दयार ही मेरी खवाहिश है..
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
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