हर सुबह जिंदगी है नई
न तुम किनारों का हाल देखो,
न तुम समंदर का उछाल देखो,
हर सुबह ज़िन्दगी है नई,
तुम केवल अपनी चाल देखो !
पवनों से भी तीव्र,...
न तुम समंदर का उछाल देखो,
हर सुबह ज़िन्दगी है नई,
तुम केवल अपनी चाल देखो !
पवनों से भी तीव्र,...