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**** वादा न कर ****
अक़्सर टूटते देखा है ,मोहब्बतों के वादों को,
कुचल देता है वक़्त ही , इश्क़ के इरादों को,
वादा न कर इश्क़ में , फ़क़त अपनी वफ़ा देदे,
नही महलों की तमन्ना, अपने दिल मे जगह देदे,
बहुत रुलाया है ज़माने ने ,न मुझे दर्द देना तू,
उम्र भर सालता रहे , न ऐसा मर्ज़ देना तू,
जो नाज़ुक डोर से बंधा है , ये नाता तेरा मेरा,
हर सुख दुख हर पीड़ा में , साथ देना तू मेरा ,
हाथ थामकर मेरा न मुझे छोड़ जाना तू
डोर ये प्रीत की बंधी है ,ना इसे तोड़ जाना तू ।।
-पूनम आत्रेय
कुचल देता है वक़्त ही , इश्क़ के इरादों को,
वादा न कर इश्क़ में , फ़क़त अपनी वफ़ा देदे,
नही महलों की तमन्ना, अपने दिल मे जगह देदे,
बहुत रुलाया है ज़माने ने ,न मुझे दर्द देना तू,
उम्र भर सालता रहे , न ऐसा मर्ज़ देना तू,
जो नाज़ुक डोर से बंधा है , ये नाता तेरा मेरा,
हर सुख दुख हर पीड़ा में , साथ देना तू मेरा ,
हाथ थामकर मेरा न मुझे छोड़ जाना तू
डोर ये प्रीत की बंधी है ,ना इसे तोड़ जाना तू ।।
-पूनम आत्रेय
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