घड़ी के विचार
#घड़ीकेविचार
हर पल की बारीकियों में बसी, घड़ी की कहानी,
बेवजह बहे नीर, कहीं न थमी ये ज़िन्दगी की पानी।
घड़ी के कांटे टिक-टिक करके, समय की धारा बताते,
बीते लम्हों की मूरतें, भविष्य की राह पर चलते।
सूरज की किरणों से मिलती, सुनहरी...
हर पल की बारीकियों में बसी, घड़ी की कहानी,
बेवजह बहे नीर, कहीं न थमी ये ज़िन्दगी की पानी।
घड़ी के कांटे टिक-टिक करके, समय की धारा बताते,
बीते लम्हों की मूरतें, भविष्य की राह पर चलते।
सूरज की किरणों से मिलती, सुनहरी...