...

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परिंदे का आसमान
परिंदे का आसमान,
जहाँ विचरता है वो स्वछंद होकर
होता है वो कितना बेपरवाह,
उड़ता है दिल में सपने संजोकर

वो आसमान है उसका घर,
कुछ नहीं भाता उसे सिवाय अपनी आज़ादी के
वही पर है उसकी जन्नत,
खुश होता है वो वहाँ रह के

दूसरों के भय के साए में बहुत...