...

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अनंत प्रेम❤️
मुझे उनसे प्रेम अनंत है
उन्हें भी मुझसे होगा ये सोचा ना था
मैं जानता था उन्हें कद्र है मेरी
पर दिल ये मानने से कभी-२
इनकार कर दिया करता था
क्यूंकि दिल को हमेशा निराशा हाथ लगी
जब भी इसने अपने जज़्बातों को किसिके सामने रखा
बहौत ख़ुशी मिलती है
जब तुम याद आते हो
जब तुमसे बात होती है
हम अंजान से कब एक दूसरे के
इतने ख़ास बन गए पता ही नहीं चला
कभी शक हो मेरी मोहब्बत पर
तो आज़ादी है आज़माने की
तुमसे मिल पाया इस ज़िंदगी में
कितना खुशनसीब हूं मैं
तुम प्रेम हो
तुम हो वो गीत जो मुझे अत्यन्त प्रिय है
तुमसे रोशनी है
तुम बिन सब फ़ीका है
सच्चा इश्क़ करना
मैंने तुम्ही से सीखा है
ताउम्र तेरे साथ के अलावा
मुझे और कुछ नहीं चाहिए
तुझ में रब नज़र आता है
दिल को सिर्फ़ तेरी पनाह चाहिए।।

© rõõh