...

11 views

किसान हूं मैं।।

आजाद धारा आजाद आसमां
आजाद देश का बासिंदा हूं मैं।
बोलने का हक़ है, किन्तु ना जाने कब से गूंगा हूं मैं।
भूख से लड़ा, अकाल से लड़ा, बाढ़ से लड़ा, कर्ज से लड़ा ।
कई रियासतदारों और अंग्रेज़ो से लड़ा हूं मैं।
खून को पसीने सा बहाकर देश का पेट भरता हूं मैं।
अपने परिवार के सपनो को दमन हर रोज करता हूं मैं।

अनथक प्रयास से पत्थरों में भी जीवन उपजाता हूं मैं।

कह दू इस देश का अन्नदाता हूं, किसान हूं मै।

सरकारी कागजों में बलि का पशु हूं मैं।
कह दू,...