बनावटी
बनावटी बातें बचपन से ही खटकती थी मुझको
ऐसे लोगों से मेरी माँ दूर रखती थी मुझको।
आज बनावटी मुस्कान दे देकर थक गए हम फिर से
कहीं पूछ न ले कोई - "अरे उदास हो" ये हमसे।।
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ऐसे लोगों से मेरी माँ दूर रखती थी मुझको।
आज बनावटी मुस्कान दे देकर थक गए हम फिर से
कहीं पूछ न ले कोई - "अरे उदास हो" ये हमसे।।
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