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❣️प्रेम-प्रीत❣️
प्रेम क्या है..❣️❣️❣️
प्रेम वो है जब किसी से हो जाये तो हो ही जाता है,,
बदले फिर इसके प्रेम मिले या अपमान
प्रेम करने वाला अपमान के ज़हर को भी अमृत समझ के पी जाता है
प्रेम निःस्वार्थ निष्पक्ष निष्पाप होता है
प्रेम योग वियोग मोह और संयोग होता है
न प्रेम पाप न अभिशाप होता है
प्रेम समर्पण का पर्याय होता है
अनेक रूपों में प्रेम का गुड़गान होता है
प्रेम स्वरूप कृष्ण हैं प्रेम रूप में राधा
कृष्ण दीवानी मीरा थी प्रेम दीवानी राधा
कभी बांसुरी कभी धनुर्धर प्रेम दीवाने
धरती पे प्रेम निभाने आये थे❣️❣️❣️
© All Rights Reserved
प्रेम वो है जब किसी से हो जाये तो हो ही जाता है,,
बदले फिर इसके प्रेम मिले या अपमान
प्रेम करने वाला अपमान के ज़हर को भी अमृत समझ के पी जाता है
प्रेम निःस्वार्थ निष्पक्ष निष्पाप होता है
प्रेम योग वियोग मोह और संयोग होता है
न प्रेम पाप न अभिशाप होता है
प्रेम समर्पण का पर्याय होता है
अनेक रूपों में प्रेम का गुड़गान होता है
प्रेम स्वरूप कृष्ण हैं प्रेम रूप में राधा
कृष्ण दीवानी मीरा थी प्रेम दीवानी राधा
कभी बांसुरी कभी धनुर्धर प्रेम दीवाने
धरती पे प्रेम निभाने आये थे❣️❣️❣️
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