फ़साना
जलते हुए अंगारों में अफसाने कहां ढूंढे
चलती हुई राहों में अब पैमाने कहां ढूंढे।
वो रात कुछ अलग थी तेरे तसव्वुर की
जो गुज़र...
चलती हुई राहों में अब पैमाने कहां ढूंढे।
वो रात कुछ अलग थी तेरे तसव्वुर की
जो गुज़र...