वैसे नहीं होते
ख़्वाबों के तजुर्बे हक़ीक़ी, वैसे नहीं होते,
जो देखे थे नज़रों ने अक्सर, वैसे नहीं होते.
समझी जो हमने यकदिली, वो बस ज़ेहन में थी,
नज़दीकियों के मार्के वो दीगर, वैसे नहीं होते.
शब के रंगों ने कोशिश की ज़ुल्फ़ों से वस्ल की,
और चेहरे जो सोचे हर सहर, वैसे...
जो देखे थे नज़रों ने अक्सर, वैसे नहीं होते.
समझी जो हमने यकदिली, वो बस ज़ेहन में थी,
नज़दीकियों के मार्के वो दीगर, वैसे नहीं होते.
शब के रंगों ने कोशिश की ज़ुल्फ़ों से वस्ल की,
और चेहरे जो सोचे हर सहर, वैसे...