ये जिंदगी इतनी कठीन क्यों है?
सोचना नहीं चाहती पर सोचने पर मजबूर कर देती है,
ये जिंदगी इतनी कठीन क्यों है?
हर चेहरे पर एक मुस्कान पर दिल उदास क्यों है?
क्यों ये लड़ाई सुबह शाम अपने आपसे है?
ये जीत हार के संघर्ष, बेहतर बनने की दौड़,
चंद रुपयों पर आकर टिकी क्यों है?...
ये जिंदगी इतनी कठीन क्यों है?
हर चेहरे पर एक मुस्कान पर दिल उदास क्यों है?
क्यों ये लड़ाई सुबह शाम अपने आपसे है?
ये जीत हार के संघर्ष, बेहतर बनने की दौड़,
चंद रुपयों पर आकर टिकी क्यों है?...