तू कोशिश करता जा
ये ज़मी देखेगी, देखेगा ये आसमाँ,
तु मत थककर बैठ, राह के मुसाफिर,
तेरी वो मंजिल, देखेगा सारा ये जहाँ।
जब-जब तू होगा, अपने मंजिल के सबसे करीब,
लोगों का रेला भी होगा, तेरे उतने ही करीब।
जिनकी हर कोशिश...
तु मत थककर बैठ, राह के मुसाफिर,
तेरी वो मंजिल, देखेगा सारा ये जहाँ।
जब-जब तू होगा, अपने मंजिल के सबसे करीब,
लोगों का रेला भी होगा, तेरे उतने ही करीब।
जिनकी हर कोशिश...