मुझसे लिपटा इश्क तुम्हारा...
इतना सज धज के आखिर किसका इंतज़ार कर रही हो,
होठों पे सजाए मुस्कान, स्वेत साड़ी में अप्सरा लग रही हो।
तुम्हारे माथे की चमकती बिंदी, ये उछलती जुल्फें तुम्हारी,
तुम्हारी खनकती चूड़ियां और उनको पुकारती बाहें तुम्हारी।
मन उनका भी मचल उठता होगा जब होती होंगी बातें तुम्हारी
दिन का रिश्ता है,उनको भी ज़रूर तड़पा रहीं होंगी यादें तुम्हारी।
तुम्हारे...
होठों पे सजाए मुस्कान, स्वेत साड़ी में अप्सरा लग रही हो।
तुम्हारे माथे की चमकती बिंदी, ये उछलती जुल्फें तुम्हारी,
तुम्हारी खनकती चूड़ियां और उनको पुकारती बाहें तुम्हारी।
मन उनका भी मचल उठता होगा जब होती होंगी बातें तुम्हारी
दिन का रिश्ता है,उनको भी ज़रूर तड़पा रहीं होंगी यादें तुम्हारी।
तुम्हारे...