...

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किस्मत का झूला
किस्मत का झूला बहुत झुला गया
चाहत की बात कर बहुत रूला गया ॥

ना चाहते हुए भी दामन में दाग लग गए ।
दिल का तराजू इधर से उधर बिखर गया ॥

चंचल मन था बहुत कठीन डगर था ।
दिल के अरमानों को दफन करा गया ॥

बदलते दौर का बदलता मोसाफिर हूँ ।
दिल बहुत दर्द से गुजरा और रूला गया ॥

मांगी थी बहुत माफी मिली भी नहीं मुझको ।
शायद मेरी जिंदगी में बहुत अंधेरा छा गया ॥

बहुत बदले हैं हम तेरी चाहत के लिए सनम ।
नयनों में नमी थी और किस्मत रूला गया ॥
© ✍️ विश्वकर्मा जी

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