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प्रेम
थी खड़ी मृत्य पाश में
हम भटकते रहे होकर मगन
जो मेरे पास था, वो बस तेरा साथ था
भले ही क्षणिक था वो मेरा प्यार था।
मिल रहे थे नयन
फिर भी प्यास थी
थी अधूरी सही
मगर फिर भी आस थी
जिंदगी के वो पल चंद सही
वो जीवन का मेरे सार थी
© All Rights Reserved
हम भटकते रहे होकर मगन
जो मेरे पास था, वो बस तेरा साथ था
भले ही क्षणिक था वो मेरा प्यार था।
मिल रहे थे नयन
फिर भी प्यास थी
थी अधूरी सही
मगर फिर भी आस थी
जिंदगी के वो पल चंद सही
वो जीवन का मेरे सार थी
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