...

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प्रेम
थी खड़ी मृत्य पाश में
हम भटकते रहे होकर मगन
जो मेरे पास था, वो बस तेरा साथ था
भले ही क्षणिक था वो मेरा प्यार था।

मिल रहे थे नयन
फिर भी प्यास थी
थी अधूरी सही
मगर फिर भी आस थी
जिंदगी के वो पल चंद सही
वो जीवन का मेरे सार थी
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