माँ की अराधना
जग तारण हार भइ उजागर l
कब उमड़ेगा ज्ञान का सागर ll
तम चिरकर बाधा पार करो l
सब दुखियारन के विपत्ति हरो ll
हाथ जोड़कर करते विनती l
चौबीस घंटे माला जपती ll
अब मेरी अखियाँ तरस रही l
तुम ...
कब उमड़ेगा ज्ञान का सागर ll
तम चिरकर बाधा पार करो l
सब दुखियारन के विपत्ति हरो ll
हाथ जोड़कर करते विनती l
चौबीस घंटे माला जपती ll
अब मेरी अखियाँ तरस रही l
तुम ...