जब किसी ने नहीं समझी उसकी शिकायतें,
जब किसी ने नहीं समझी
उसकी शिकायतें,
उसकी परेशानियाँ, उसका प्रेम,
उसके हृदय में उठ रही
अथाह पीड़ा को,
इन सब के बाद उस स्त्री ने
निश्चय किया मौन धारण करना।
फिर वह स्त्री किसी से कुछ भी बताना
जरुरी नहीं समझती,
बस समेट लेती है अपने अंदर
अपने सारे दुःख-दर्द-पीड़ा,
अच्छा-बूरा सब।
© mysterious girl
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उसकी शिकायतें,
उसकी परेशानियाँ, उसका प्रेम,
उसके हृदय में उठ रही
अथाह पीड़ा को,
इन सब के बाद उस स्त्री ने
निश्चय किया मौन धारण करना।
फिर वह स्त्री किसी से कुछ भी बताना
जरुरी नहीं समझती,
बस समेट लेती है अपने अंदर
अपने सारे दुःख-दर्द-पीड़ा,
अच्छा-बूरा सब।
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