मौत
न जाने कितना हसीन वो अहसास होगा,
आँखों में न कोई सपना न दिमाग में कोई बात होगी,
और कितने ही सुहाने होंगे वो पल सब,
न बेचैनी होगी भीड़ के तानों की न डर होगा हार का,
अब लगाकर...
आँखों में न कोई सपना न दिमाग में कोई बात होगी,
और कितने ही सुहाने होंगे वो पल सब,
न बेचैनी होगी भीड़ के तानों की न डर होगा हार का,
अब लगाकर...