मोहब्बत
हर आगाज का एक दिन अंजाम आता है,
शख्स जैसा भी हो एक दिन खुलकर सरेआम आता है!
कोशिश की बहुत दूर रखूँ खुद को इश्क़ के जंजाल से,
मगर जहाँ में किसको इससे बचने का इंतज़ाम आता है!
मयखाने जाकर भी...
शख्स जैसा भी हो एक दिन खुलकर सरेआम आता है!
कोशिश की बहुत दूर रखूँ खुद को इश्क़ के जंजाल से,
मगर जहाँ में किसको इससे बचने का इंतज़ाम आता है!
मयखाने जाकर भी...