...

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क्यूँ वो आजाद नहीं है
इतने सपनें दिखाने के बाद ल़डकियों के पाव में उन्हीं के घरों में बंधनों की जंजीरें क्यूँ बंधी जाती है
लक्ष्मी का रूप कह के जिनके पाव पूजे जाते है फिर उन्हीं पाव के आगे बढ़ने से समाज की मान कैसे घटने लगती है
हजारों साल गुजरने के बाद अपने पहनावे को बदलने वाली समाज अपनी सोच को क्यूँ नहीं यूँ
बदलती हैं
पूरे समाज के हाथों में आजादी होने के बाद भी एक लड़की की आजादी क्यूँ उसके ज़मीं पर ही कैद कर ली जाती है
आखिर कब मिलेगी बेखौफ जिंदगी
एक लड़की को भी
© #onlymuskan