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मन की बात
कल writco पर बुद्धि /विवेक से सम्बन्धित पूछा गया था।क्या जरूरी है ?इन दोनों में से ,मैंने एक कोट लिखी थी विवेक बहुत जरूरी है।आज उसी को explain कर रही है ,क्यों ?मित्रों सभी को जन्मजात बुद्धि मिलती ही मिलती है चाहे अल्प हो ज्यादा।आप अपनी बुद्धि क्षमता I Q test के द्वारा चेक भी करवा सकते हैं कि आप कितनी बुद्धि के स्वामी हैं।पर विवेक जन्मजात नहीं मिलता।ये सत्य का संग यानि सत्संग करने से ही जाग्रत होता है।हमारे धर्मग्रंथ फरमा रहे है "बिनु सत्संग विवेक ना होई ,राम कृपा बिनु सुलभ ना सोई "तात्पर्य विवेक बिना सत्संग के उतपन्न नहीं होता ,और जब तक ईश्वर निराकार राम की कृपा ना हो ,सत्य अथार्थ परमात्मा का बोध नहीं होता।
और समझना हो तो lattest न्यूज़ की तरफ चलते है।नीचे साउथ इंडिया में लड़की गृष्मा जो की काफी बुद्धिमान है पढ़ाई में उसने अपने मित्र शिरोल राज की स्लो poision देकर अपने हाथों से उसकी हत्या कर दी।क्यों?उसकी बुद्धि ने नहीं रोका तब ?क्योंकि बुद्धि तर्क ,वितर्क ,कुतर्क ,सुतर्क से उलझनें पैदा करती ही रहती है।समाधान केवल विवेक शील मनुष्य के पास ही होता है।विवेकी जन जानते हैं ,समझते हैं ,हम किसी को जीवन नहीं दे सकते तब उसका जीवन छीनने का अधिकार भी हमारे पास नहीं है।ये विवेक स्वाध्याय ,सन्त मति ,सत्संगति से उपजता है और कायम भी तभी तक रहता है ,जब तक हम इनसे जुड़े रहते हैं।सभी का कल्याण हो ,ये भावना भी तभी बनती है।
मेरे विचार कैसे लगे ?कमेन्ट में जरूर लिखियेगा ।सुविचार दिल से