...

12 views

कोई ढूँढो मुझे
कोई ढूँढो मुझे
खो गया हूँ , मैं
मुझे खुद नहीं पता
कहा चला गया हूँ , मैं
कोई ढूँढो मुझे , खो गया हूँ मैं

अब कैसे लौटू ,इन भटकाते हुए रास्तो से ,
ये हर मोड़ पर नया मोड़ देते है |
रास्ता तो एक हैं, पर मोड़ का पता नहीं
रास्ते कई है सामने ,किसको चुनू मैं
कोई तो रास्ता दिखाओ मुझे
भटक गया हूँ ,मैं
मुझे खुद नहीं पता कहा चल रहा हूँ ,मैं
कोई तो ढूँढो मुझे , खो गया हूँ ,मैं

अब कैसे तैरू इस दुनिया के दल-दल में
डूब रहा हूँ ,मैं
नौका तो बहुत हैं सामने किसको चुनु
अब तैरना नहीं पाऊंगा
कोई निकालो मुझे , डूब रहा हूँ ,मैं
कोई ढूँढो मुझे , खो गया हूँ मैं

✏✒गिरेन्द्र प्रताप सिंह
© All Rights Reserved