डियर लाइफ
शिकायतें वैसे कुछ ना थी तुमसे ऐ जिंदगी
शायद अब राह ही धुँधली सी लगती हैं....
अक्सर जो देतीं थी सुकूँ के पल ऐ जिंदगी....
उन्हीं आँखों को ये पलकें अब बोझल सी लगती है।
हमारा क्या कहें तुमसे ऐ ज़िंदगी....
अब अंधेरों से अपनेपन की खुशबू...
शायद अब राह ही धुँधली सी लगती हैं....
अक्सर जो देतीं थी सुकूँ के पल ऐ जिंदगी....
उन्हीं आँखों को ये पलकें अब बोझल सी लगती है।
हमारा क्या कहें तुमसे ऐ ज़िंदगी....
अब अंधेरों से अपनेपन की खुशबू...