...

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फकत रब काफी,,,,
ना मुझको ताल्लुक रखना है ना राबता किसी से,,
ना कुर्बत की तमन्ना है ना फासला किसी से,,

ना नफरत किसी से, ना मोहब्बत की ख्वाहिश है,,
ना रंजिश है कोई ,, ना ही कोई गिला किसी से

मैं भटक चुकी हूं दर बदर वफाओं की तलाश में,,
अब जरूरत नहीं किसी की, ना वास्ता किसी से

ना सुनानी है अपनी ,ना सुननी है कहानी किसी की
ना रखनी है उल्फत , ना ही गुस्सा किसी से,,

मुझको फकत इक दोस्त काफी,फकत रब काफी
मुझे रब से भी गिला नहीं, ना ही मसला किसी से,,






© Tahrim