...

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बेडियाँ
सँभाल रखी है मैने
अपने साथ की
कुछ घडियाँ
उन्होंने धीरे से तोडी
पर मैंने संजोई है
कुछ कडियाँ
थोडी ही देर पर जो खूब बही
उनकी बातों की लणीयाँ
बेझिझक
कुछ भी बोलने का हुनर
सब में समजा करे
खुदको बढियाँ
हम देख रहे तमाशे उनके चुपचाप
हमसाया कहनेवाले
आज समज रहे रिश्ते को बेडियाँ।।

सौम्यसृष्टि

© Somyashrusti