...

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चंद कतरे इल्म के🌺🌸
गर झूम कर आ ही गई है कमबख्त,
तो काबू में हुज़ूर यह जवानी रखिए,

मिलेंगे मौके खराब होने के बेशुमार,
मगर पाकीज़ा अपनी कहानी रखिए,

पकड़ा दे कोई चिलम नशे का कभी,
करिए इन्कार, जज़्बा इंसानी रखिए,

थोड़ा इज़्ज़त ओ लिहाज़ बुज़ुगों का,
और थोडी तबीयत भी रूहानी रखिए,

कभी बात हो जो मुल्क के वकार की,
जांबाज़ी तब दिल में तूफ़ानी रखिए,

माना फ़ानी है हरेक शय इस जहां में,
तासीरे किरदार मगर लाफ़ानी रखिए,

सुनहरी सिक्के बेशक लुभाते हैं बेहद,
रूह में खुदायी फ़लसफ़ा नूरानी रखिए!
🌸🌺🤗🙌
पाकीज़ा— पवित्र
वकार— प्रतिष्ठा
फ़ानी— नश्वर, नष्ट होने वाली चीज़
शय— चीज़, entity
तासीर— स्वभाव, गुण
किरदार— चरित्र
लाफ़ानी— जो कभी नष्ट न हो, अजर-अमर
फ़लसफ़ा— Philosophy, सोच
नूरानी— प्रकाशमय

— Vijay Kumar
© Truly Chambyal