निरंतर
इस तरह निरंतर चलते रहना है,
समंदर की लहरों सा यूँ ही आगे बढ़ते रहना है,
रेत की तरह तो सब धरती में समा जाते हैं,
मगर तुम अपनी ऊंचाईयों से आसमाँ छू लेना
कुछ इस तरह निरंतर चलते रहना है !!
#writico#writepoetry
© #onlymuskan
समंदर की लहरों सा यूँ ही आगे बढ़ते रहना है,
रेत की तरह तो सब धरती में समा जाते हैं,
मगर तुम अपनी ऊंचाईयों से आसमाँ छू लेना
कुछ इस तरह निरंतर चलते रहना है !!
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