बताशे हों जैसे...🌹🌹✍️✍️ (गजल)
लोग जहां में खून के प्यासे हों जैसे
रिश्ते मोहब्बत के सजा से हों जैसे
बस थोड़े से दबाव से ही टूट जाते हैं
आदमी आदमी नहीं बताशे हों जैसे
लोग बेवजह आते जाते हैं साहब
हमारी जिंदगी में ये तमाशे...
रिश्ते मोहब्बत के सजा से हों जैसे
बस थोड़े से दबाव से ही टूट जाते हैं
आदमी आदमी नहीं बताशे हों जैसे
लोग बेवजह आते जाते हैं साहब
हमारी जिंदगी में ये तमाशे...