🌺 ग़ज़ल 🌺
अब किसको किसीका इंतज़ार रहता है,
एक बिछड़ा तो दूजा तैयार रहता है।
कोई अपना भी समझे, निभाए मुझे,
उम्मीद में भटकता ख़ुद प्यार रहता है।
इस तरह उसका जाना ख़ुशी दे गया,
उसके...
एक बिछड़ा तो दूजा तैयार रहता है।
कोई अपना भी समझे, निभाए मुझे,
उम्मीद में भटकता ख़ुद प्यार रहता है।
इस तरह उसका जाना ख़ुशी दे गया,
उसके...