...

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मिलते हैं
मेरे चाहने से क्या होगा,जब तलक ना किसी से विचार मिलते हैं,

इतिहास गवाह हैं लंबी जंग लड़नी पड़ती हैं आपने आप कहां अधिकार मिलते हैं,

मोहब्बत मिले तो निभाया करो कि आशिक कब इस जहां के पार मिलते हैं,

यहां रोटी,नौकरी भले ना मिले पर राजनीति में भगवान के अवतार मिलते हैं,

हर वादा जुमला निकलता हैं अब देश में नेता नहीं झूठे और मक्कार मिलते हैं,

वहां न्याय नहीं मिल सकता जहां कानून बचाने वाले बिकने को तैयार मिलते हैं,

अंदर से पैदा होते हैं 'ताज' सच,हिम्मत और जज़्बा ना कभी उधार मिलते हैं।
© taj