याद पापा की (Memories of Father)
याद जब पापा की आ जाती है,
आंख मेरी नम हो जाती है।
कैसे भूलूं उनका वो प्यार,
उनकी डांट,में छुपा हुआ वो दुलार,
उनकी यादें हैं अनगिनत,
समय है कीमती,कहते हमेशा वो,
स्वयं बीमार...
आंख मेरी नम हो जाती है।
कैसे भूलूं उनका वो प्यार,
उनकी डांट,में छुपा हुआ वो दुलार,
उनकी यादें हैं अनगिनत,
समय है कीमती,कहते हमेशा वो,
स्वयं बीमार...