न जाने कितने रिश्ते बह गए
कुछ कह गए, कुछ सह गए,
कुछ सह गए, कुछ कह गए,
कुछ कहते कहते रह गए,
मैं सही और तुम गलत के चक्कर में,
न जाने कितने रिश्ते बह गए।।
बातें अधूरी रह गईं, ख़्वाब टूट कर बिखर गए,
हम अपने अहंकार में न जाने कितने बार जख़्म सह गए,
वक्त की धारा में बहते हुए,अरमान सारे जल गए।
समझ न पाए दिल की...
कुछ सह गए, कुछ कह गए,
कुछ कहते कहते रह गए,
मैं सही और तुम गलत के चक्कर में,
न जाने कितने रिश्ते बह गए।।
बातें अधूरी रह गईं, ख़्वाब टूट कर बिखर गए,
हम अपने अहंकार में न जाने कितने बार जख़्म सह गए,
वक्त की धारा में बहते हुए,अरमान सारे जल गए।
समझ न पाए दिल की...