...

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तुम्हारे गुमसुम से चहरे
तुम्हारे गुमसुम से चहरे को समझ नहीं
पाया इतने दिनों के बाद
बेहद सुकून मिला तुम्हारे मुस्कुराने के बाद

जब बातें हुयी तो पता चला ये
बातें भी कितनी प्यारी लगती है एक लम्बी
खमोशी के बाद

दिल की चाहत तो यही कि ये सिलसिला चलता रहें
जाने क्यों डर लगता है थोड़ा सा मुस्कुराने के बाद

पहले तो खुश हुआ तुम्हे देखकर
कि तुम खुश हो मुझ पागल को भूलने के बाद
तुम्हारे समाने तो ठीक था
बहुत रोया घर जाने के बाद

एक समय था जब तुम मुझे अपना हमसाया
बताती थी
जैसे आईना रहता हो आईने के पास

अभी तो पागल कह ठुकरा दिया है मुझे
बहुत याद आऊगा तुम्हे मशहूर होने के बाद

लेकिन मैं तुझे अब भी उतना ही प्यार करता हूँ
तुझे समझ में नहीं आयेगी मेरी मोहब्बत
इतना समझने के बाद

अब याद करती है मुझको
प्यार करती है मुझको
पर मेरे गुज़र जाने के बाद




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