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💜"ख्वाबो के दर्पण में "💜
ख्वाबो के दर्पण में एक अक्स मैं अब देखने लगीं हूँ
ठहराव के दौर में पंख लगा,खुले गगन में विचरने लगीं हूँ।
जिन इच्छाओं का दमन किया था कभी,तुम्हारा
सानिध्य पाकर,आज प्रत्येक पन्नों का आवरण मै खोलने लगी हूँ।
© Deepa
ठहराव के दौर में पंख लगा,खुले गगन में विचरने लगीं हूँ।
जिन इच्छाओं का दमन किया था कभी,तुम्हारा
सानिध्य पाकर,आज प्रत्येक पन्नों का आवरण मै खोलने लगी हूँ।
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