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खुशी:गम की
एक उदासी खुद को मिटाना चाहे।
खुशी जैसी वो बनना चाहे।
मानो,कोई पैर बांधे रखा है।
उसको एक प्यार ने जिन्दा बना रखा है।
एक खुशी अपनी साँस ले रही।
भूल से उसने प्रेम को अपना घर बनाया।
एक मौत को हाथ ले बैठी,
एक खुशी फिर एक उदासी की मौत ले जी उठी।
खुद खुशी हुई भूल से
उदासी एक बार फिर खोजें खुद को पहली सी खुशी देने की कोशिश में।
© 🍁frame of mìnd🍁
खुशी जैसी वो बनना चाहे।
मानो,कोई पैर बांधे रखा है।
उसको एक प्यार ने जिन्दा बना रखा है।
एक खुशी अपनी साँस ले रही।
भूल से उसने प्रेम को अपना घर बनाया।
एक मौत को हाथ ले बैठी,
एक खुशी फिर एक उदासी की मौत ले जी उठी।
खुद खुशी हुई भूल से
उदासी एक बार फिर खोजें खुद को पहली सी खुशी देने की कोशिश में।
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