आओ खुशियों का दीप जलाएँ
राग द्वेष का तमस अँधेरा
आओ जनमन में उजियारा लाएँ।
गहन अँधेरा छाया है
आओ खुशियों का दीप जलाएँ।
भावभीत के उपवन में
प्रेम प्रीत के आँगन में
उपासना का कलश सजाकर
अपना पराया सभी भुलाकर
किसी दीप की बाती बनकर
आनंद प्रेम की थाती लेकर
भटक रहे हैं जो भी जग में
उन सबको राह दिखाएँ।
गहन अंधेरा छाया है
आओ खुशियों का दीप जलाएँ।
एक दिया हर दिल के कोने में
एक दिया स्वप्निल तारों में
एक दिया सपनों के छाँव में
एक दिया उम्मीदों के गाँव में...
आओ जनमन में उजियारा लाएँ।
गहन अँधेरा छाया है
आओ खुशियों का दीप जलाएँ।
भावभीत के उपवन में
प्रेम प्रीत के आँगन में
उपासना का कलश सजाकर
अपना पराया सभी भुलाकर
किसी दीप की बाती बनकर
आनंद प्रेम की थाती लेकर
भटक रहे हैं जो भी जग में
उन सबको राह दिखाएँ।
गहन अंधेरा छाया है
आओ खुशियों का दीप जलाएँ।
एक दिया हर दिल के कोने में
एक दिया स्वप्निल तारों में
एक दिया सपनों के छाँव में
एक दिया उम्मीदों के गाँव में...