हम दो किनारे
हम दो किनारे चुपचाप
देखते है एक दूसरे को दूर से
बीच में है मतभेद का तेज धारा
चाहकर भी हम मिटा नहीं सका।
जितना पास आना...
देखते है एक दूसरे को दूर से
बीच में है मतभेद का तेज धारा
चाहकर भी हम मिटा नहीं सका।
जितना पास आना...